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Sunday 10 June 2018

जानिये मौत को मात देने वाले स्टीफन हाकिंग के बारे में About Stephen Hawking In Hindi

विश्व प्रसिद्ध महान वैज्ञानिक और बेस्टसेलर रही किताब “अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम” के लेखक स्टीफन हाकिंग का 14 मार्च 2018 को निधन हो गया. मगर, देह त्यागने से पहले वह साबित कर गए की अगर इच्छा शक्ति हो तो व्यक्ति कुछ भी कर सकता है.
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ब्लैक हौल और बिग बैंग थ्योरी को समझने में उन्होंने अहम योगदान दिया है. उनके पास 12 मानद डिग्रियां है और अमेरिका का सबसे उच्च नागरीक सम्मान उन्हें दिया गया है. 8 जनवरी 1942 को जन्मे स्टीफन हाकिंग का स्कूली जीवन बहुत अच्छा नहीं था. उनके परिवार की आर्थिक हालत भी ठीक नहीं थी.

वे शुरू में अपनी कक्षा में ओसत से कम अंक पाने वाले छात्र थे, लेकिन उन्हें बोर्ड गेम खेलना बहुत अच्छा लगता था. उन्हें गणित में बहुत दिलचस्पी थी. 11 वर्ष की उम्र में स्टीफन हाकिंग स्कुल गए और उसके बाद युनिवर्सिटी कॉलेज, ऑक्सफ़ोर्ड में उच्च शिक्षा हासिल की.


वह गणित की पढाई करना चाहते थे, लेकिन युनिवर्सिटी कॉलेज में गणित उपलब्ध नहीं थी, इसलिए उन्होंने भौतिकी अपनाई. हालाँकि ऑक्सफ़ोर्ड में अपने अंतिम वर्ष के दौरान स्टीफन हाकिंग अक्षमता का शिकार होने लगे. उन्हें सीढ़ियां चढने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.
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धीरे-धीरे समस्याएं इतनी बढ़ गयी की वह ठीक से बोल भी नहीं पाते थे. वह महज 21 साल की उम्र के बाद Amyotrophic Lateral Sclerosis (ALS) नाम की बीमारी के शिकार हो गए. इनसे उनके अंगो ने एक-एक करके काम करना बंद कर दिया था.

तब डॉक्टरों ने कहा की स्टीफन हाकिंग शायद 2 साल से अधिक जी नहीं सकेंगे और जल्दी ही मर जायेंगे. हालाँकि, स्टीफन ने हार नहीं मानी और 76 साल तक जीते हुए उन्होंने अनेक थ्योरी और ब्रम्हांड के कई रहस्यों को सुलझाने में मदद की.

जीने की इच्छा और चुनोतियों को स्वीकार करके स्टीफन हाकिंग ने यह साबित कर दिया की मृत्यु निश्चित है, लेकिन जन्म और मृत्यु के बीच हम कैसे जीना चाहते है, यह सिर्फ हम पर निर्भर करता है. मरने के अधिकार जैसे विवादास्पद मुद्दे पर उन्होंने कहा था की कोई भी व्यक्ति जो किसी भी लाइलाज बीमारी से जूझ रहा है और बहुत ज्यादा दर्द में है उसे अपने जीवन को खत्म करने का अधिकार होना चाहिए.
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